Posts

Showing posts from 2019

जिन्दगी कुछ थम सी गई थी

जिन्दगी कुछ देर के लिए थम सी गई थी कुछ रुक से गये थे हम। कुछ लोग के पहचानने से चूक  गए थे हम कुछ ने सराफत का नाजायज फायदा उठाया कुछ ने खुद का सराफत का चोला उठाया पर दोनो ने एहसास दिलाया यहां कोई किसी का नहीं होता है ना कोई अच्छा होता हैं ना ही बूरा जितने देर तक जो जिसका काम का  होता हैं उतनी ही देर तक ही  कोई अच्छा होता हैं कहते हैं ना किसी को बुरा भला कहने से पहले उसके जगह पर खुद को रख कर देखो कौन कितना गलत -सही हैं खुद ही समझ मे आ जाएगा यह सोचकर ही चुप रह जाता था। प्रतिक्रिया देने से पहले असलियत का पत्ता लगाता था अपने दिल से सामने वाला का दिल को समझता था पर कुछ लोग ने ठान लिया हैं सराफत का चोला पहनना है पर असलियत को छिपाने हैं पर जिसे करने मे मजा आता है वहीं एक दिन सजा हो जाता हैं इस बात को समझाओ तो जो मर्जी है करेंगे बोल जाते हैं पर यह बात दोनो तरफ लागू हो  जता हैं हमने भी अपनों को समझा दिया है एक मुहावरा अपने जेहम में बैठा लो- कुता भौके हजार हाथी चले बाजार और अपना काम से मतलब रखो फिर देखो

सब जानते हैं

सच क्या है, सब जानते हैं लेकिन जानकर भी अनजान बने रहते हैं। सभी रिश्तों की एक मर्यादा होती हैं इस बात को सदा समझते हैं। कुछ की अपना स्वार्थ होता हैं यह सोचकर चुप चाप रहते हैं कुछ लोग चुपचाप रहते हैं ताकि रिश्ते यू ही बना रहें कुछ मौकै के तलाश में रहते हैं जिन्दगी इसी का नाम है चुपचाप रहा तो जरूर गलत किया है जबाब दो बहस करता है इसी बहसबाजी में अपनी गलतियों को  भूल जाता हैं सारे आरोप विपक्ष पर लगाते हैं हककीकतह के इतर सब को यही बताते हैं एक बच्चे को बेमतलब के उकसाते हैं अपनी कायरता का परिचय कुछ लोग ऐसे ही देते हैं पर भूल जाते हैं .......…..........…................... या तो स्वीकार करो जो हुआ वह एक घटना था गर नहीं तो दोष तेरा अपना था

लिखते रहेंगे

लिखते रहेंगे हर वह बात, जो कह नहीं सकते हैं कई बार।। कहने में लफ्ज़ लड़खड़ाते है, पर लिखने में कलम हरगिज़ नहीं डगमगाते हैं।। दिल में भरें जस्बातो को अब दिल में ना दफनाऐगे, दिल के जस्बातो का कब्र सामाजिक माधयम को बनाएंगे।। लोग क्या कहेंगे अब इस बात से ना घबराएंगे, जो भी कहना होगा लिख कर कह डालेंगे।। सीने में दफ़न कर खुद ही घूट जाएंगे, विचार व्यक्त कर के ही खुद को समझ पाएंगे।। जबतक स्वयमं के विचार को व्यक्त नहीं कर पाएंगे, लोगों के राय क्या है कैसे जान पाएंगे? गर आलोचनाओं से घबराएंगे तो फिर एक ही जगह सिमट कर रह जाएंगे।।

लौट चलें हम

लौट चलें हम उन राहों पर, जहां ना कोई खुदगर्जी  हो ना कोई अपना हो ना ही कोई बेगाना हो ना तेरा हो ना मेरा हो साथ जीने का ठिकाना हो हसी खुशी का बहाना हो हमदर्दों का साथ हो ना ही किसी पर अविश्वास हो। ये जिंदगी का कोई भरोसा नही है, ना जाने कब साथ छोड़ जाएगा कौन से रुख मोड़ जाएगा जो चन्द पल बचा हुआ है ,चलो यादगार बनातें है बीती बातों को छोड़ एक दूसरे को गले लगाते हैं लौट चलें हम उन राहों पर जहां खुशियों का बसेरा हो ना ही कोई दिल में कड़वाहट हो। ♥️ www.srmahato.blogspot.com ✍️

काश! कालक्रम चक्र पर हमारा जोर होता।

काश!  कालक्रम चक्र पर हमारा जोर होते तो हम इतना मजबूर ना होते। कुछ रहस्य बहुतायत कष्टप्रद होता है,  उससे अनजान रहना ही अच्छा होता  है। जिन चीजों का सामना नहीं करना चाहता हूं अक्सर वही आंखों के सामने परिलक्षित हो जाता हैं इच्छा ना होते हुए भी बहुत कुछ करवा जाता हैं। और बहुत कुछ के चक्कर में अपना सुख- चैन गवा जाता हैं। ना कुछ गंवाने का मलाल रहता ना पाने की हरबड़ी जीवन सुखमय बीत जाता ना होती कोई गड़बड़ी। जिंदगी की गति धीमी ही सही पर निरन्तर समरूप होता ना ही जिंदगी में कोई मोड़ आता ना ही कोई छोड़ जाता, ना किसी का दीवाना बनता ना हीं कोई  अफसाना बनता मैं जैसा हूं वैसा ही रहता, लोगों के भीड़ में अपने आप को नहीं खोता तो अच्छा होता। पर खुद का परिचय खुद से ही करवा गया अनकही- अनसुनी दास्तां सुना गया कुछ सपने तोर गए  कुछ का एहसास छोड़ गए पर जाते-जाते कुछ नये सपने का बीज बो गए जो अब अपना सा लग रहा है । More visit: www.srmahato.blogspot.com

कोमल धूप का स्पर्श

Image
कोमल धूप का स्पर्श मिला जब खिल उठा धरती का उपवन सारा। सोयी कलियां खिल उठा, मेहक उठा बाग-बगीचे सारा। बाग-बगीचे मेहक देख उठा चेहक जीव जन्तु सारा, इस मनोरम दृश्य को देखकर, लोगों के मन को बहुत भाया।  गरीबों के लिए ठंड में वरदान लेकर आया, छोटे बच्चों के मुखमंडल पर मुस्कान छाया । पोशाकों में आया  कमी, गरीबों के आंखों से गया  नमी। बूढ़े दादा- दादी, नाना-नानी में, नई  उर्जा का संचार हुआ। अग्नि से छुटकारा पाकर,  बाहर की दुनिया से सम्बन्ध बढ़ा। srmahato.blogspot.com

सोच सदा आगे की रख

अपने लक्ष्य को निर्धारित कर, ध्यान उस ओर केन्द्रित कर, लक्ष्य के मार्ग आए बाधाओं को कैसे भैदेगा क्या करने से  लक्ष्य को पाएगा ध्यान सदा उस ओर तुम रखो। जो बीत गया वह सपना था अब मुझे पीछे मुड़कर नहीं देखना है सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है सफलता के आगे,दूनिया रोड़ा अटकाती है उसे भेदने की क्षमता विकसित तुम करो भेदन क्षमता विकसित कर पाओगे तो ही तुम आगे बढ़ पाओगे वरना दूनिया के चक्रव्यूह में,  फसकर रह जाओगे। भीड़ से अलग पहचान चाहिए तो औरो से ज्यादा तू मेहनत कर मन-मस्तिष्क गर थक जाएं तो सफलता के बाद होने वाली खुशी का अनुभूति कर मन-मस्तिष्क उर्जावान हो जाएगा मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे, बाधाएं भी घूटने टेक देती है, इस बात को सदा मन में गढ़ अपने आप पर विजय प्राप्त कर लेगा,।  लक्ष्य को साध पाएगा तुम इस बात का ध्यान रख सोच सदा आगे की रख।

आंखो का भ्रम था

तेरे इश्क का रंग, इस कदर, मुझ पर हावी था। तेरी बूरी आदतों का परवाह नहीं किया मेरे दोस्त कहते थे इतना अंधा प्यार ठीक नहीं है पर मैं ,यह सोचकर ,बेफिक्र हो जाता कि तू मुझसे ,बेवफ़ाई नही कर सकती पर जब मेंने तुम्हें , खुद किसी के बाहों में पाया, मेरा आंखों का भ्रम था, जो टूट गया। मेरे बेपनाह प्यार का ,ये कैसा शिला दिया जो मेरा खुद पर से ही यकिन टूट गया तेरी बेवफ़ाई ने मुझे खुद से ही जूदा कर दिया प्यार पर से भरोसा  ही उठ गया। Heart Broken love poem

इतने तो मजबूर नहीं तुम

शाम की तन्हाई, बहुत कुछ, सोचने को, मजबूर कर देते हैं। ढ़ेर सारे सवाल जेहन में आता है कुछ सवालों को सुलझा जाती हैं कुछ का रास्ता बता जाती हैं , तो कुछ को वक्त के आधीन छोड़ जाती हैं। पर खुद से सवाल पूछ जाती हैं, इतने तो मजबूर नहीं हो तुम वक्त के धारा में,जो होना हैं वह होगा ही क्या तुम रोक पाओगे उन्हें। बीती बातों को मत टटोला करो जितना हो सकें, इससे बाहर निकलो। फिर भी ,कुछ सवालों में उलझ जाता हूं, पर दिल से एक आवाज़ आती है, अपने को स्थिर रखो, ना करो भरोसा किसी पर नाकाम रहो,पर जीवों अपने शर्त पर किसी के, जी-हजूरी के, मजबूर नहीं तुम। शाम ढलते ही, परमात्मा की याद दिला जाता हैं , जो, मुझसे कहते हैं- " याद ,मुझे भी ,कर ना पाओ इतना तो ,मजबूर नहीं तुम, अपने दिल में, झाकोग तो पाओगे हम दूर नहीं है। ये बात, हमें ,सकुन दे जाता खुद में ही ,आस जगाता अपने कार्य में,चित् लगाओ, चिन्ता की कोई बात नहीं है।

जिन्दगी की राहें

जिन्दगी की राहें,सुग्म होती कठिनाइयों से परीचित न हो पाता। जिन्दगी ऐसे ही कट जाएगा , यही सोचकर बेफिक्र हो जाता जब कभी आकाशमात राहें में मोड़ आता कुछ भी समझ नहीं पाता, वहीं सिसकर सिमट जाता। जिन्दगी में कठिनाई का आना भी आवश्यक है, बिन कठिनाई इनकी गहऱाई समझ नहीं आता ना स्वयमं का आकलन कर पाता। जो इस कठिनाई से एक बार गुजर गया कोई नहीं उसे बिखेर सकता है। अक्सर सुख का सब साथी होता हैं दुःख की घड़ियां में सिर्फ़ शाखा रहता है। राहें सुग्म हो या दुर्गम पर राहें अपनों की पहचान करवा जाता है। दुनिया- दारी के बाजार में , अपनी अनुभव से परिचित करवाकर, हमें अभी किस बात का ज्ञान है नहीं है इस बात का एहसास दिला जाता हैं। ंकहने के लिए हम कहते हैं,हम अपनें हिसाब से चलेंगे जो  हमें अच्छा लगेगा वही कार्य करेंगे, पर सच्चाई तो यही है हम अपना मन का कुछ नहीं करते हैं दुनिया के हिसाब से अपने आप को ढ़ालते है दूनिया से कट ना जाय , इस डर से बहुत कुछ कर जाते हैं जिन्दगी की राहें  ऐसी ही होती है, यही सोचकर हम सब  चल पड़ते हैं।

अपना किरदार गढ़ों

Image
अपना किरदार गढ़ों तुम अपने आप का आत्मचिंतन कर, अपनी पहचान ढूंढ़ो तुम। ये वक्त है कर गुजरने का जो एक बार वित जाएगा, फिर लौटकर कभी ना आएगा  वक्त रहते ही खुद की पहचान करो तुम। उधार के पहचान से कब तक रहोगे तुम इस बात का संज्ञान में रखो तुम अपनी काबिलियत का विस्तार करो तुम जो तुम्हें अच्छा लगे वहीं कार्य करो तुम। यूंही समय व्यतीत कर अपनी जिंदगी अंधकार मे मत ढकेलो बीते हुए बात को भूल जाओ तुम। जो करना चाहते हो जिन्दगी मे उसका सीग्रह शुरुआत करो मंजिल जो तुमको दे चूनौती ततक्षण उस और बढ़ो अपनी कोशिश को रफ्तार तो दो तुम। मार्ग में आए बाधाओं को हटाने के लिए तैयार खड़े है हम तुम अपनी कदम आगे बढ़ा कर तो देखो तुम। परिश्रम के आगे हालात को भी झुकना पड़ता हैं अपनी सोच में बदलाव लाकर तो तुम देखो। उम्मीद है कर पाओगे तुम लोगों के सोच से भी आगे बढ़ पाओगे तुम जीत जाओगे अपनी ही जिंदगी में हालात से आगे बढ़ो तुम। करलो मुक्कमल सब कुछ ऐसी जिंदगी में काम करो तुम अपनी पहचान खुद ही बन जाएगी अपना किरदार गढ़ों तुम। उम्मीद है कर

परिश्रम के साथ सब्र का होना अति आवश्यक है।

Image
            ये मत सोचो, तेरा मंजिल का रास्ता कहां से जाएगा।      परिश्रम करो लगन से, अपने आप में विश्वास जग जाएगा,      विश्वास जब जग जाएगा       रास्ता स्पष्ट दिख जाएगा। Hard working सब्र का बांध बनाए रखना मेहनत एक ना एक दिन रंग लाएगी भाग्य का साथ भी पाएगा सही समय जब आएगा अपनी मंजिल को पाएगा। नोट:- जो सब्र और परिश्रम के इम्तिहान से गुजर पाएगा वही मंज़िल को पा पाएगा।

खुद ही कश्ती खुद पतवार

Image
खुद की कश्ती खुद ही पतवार नही रहो किशमत के भरोसे मेरे यार। खुद पर भरोसा रख, कर हो जाओ पार खुद पर भरोसा ही सफलता का सार । साहस कर बढ़ चलो ,छोड़ो  नैया बीच मझधार जबतक किनारे ना लगे नैया , कोशिश करते रहो लगातार। जीवन के हर वार के लिए रहो तैयार जीवन एक कठिन चूनोती है ,तू कर इसे स्वीकार। हौसला बुलंद रख,कर इसका संघार मन में विश्वास हो तो करलेगा बाधाओं को पार। मार्ग में सोले बीछे या हो कांटे की भरमार चाहे जीना हो दूश्वार। दर्दे से तू ना घबरा दर्द को बना तू हथियार। खुद में विश्वास जगा , मुश्किलों से  हो पाएगा तू पार आज नहीं तो कल होगा तेरा सपना सकार बस इस आस को टूटने नहीं देना मेरे यार। ------------------By-SR srmahato.blogspot.com------------------------------

मैं ना समझ

मैं ना समझ ही सही पर खुदगर्ज नहीं हू। बस समझ न सका दुनिया -दारी जहां फैला हुआ है स्वार्थ की महामारी। यहां हर बात में व्यापार दिखता है दिखता नहीं है तो लोगों की वेवशी।। छनिक सुख के चक्कर में लोग क्या - क्या पापड़ बेल जाते हैं जिन्दगी का कोई ठीक नहीं है यह जानते हुए भी चालबाजी, मक्कारी,  से बाज़ नहीं आते हैं व्यर्थ में ही अपना समय बीता देते हैं सुख भोगने के काल का इंतजार कर परलोक सिधार जाते हैं।। ये मतलबी, चालबाज लोगों से भरा है जहां मुझे कहां रास आते हैं। मुझे अपनी दुनिया में हर हाल में खुश रहना आता है इस मतलबी दूनिया में अपना सम्मान बनाए रखना जानते हैं घमंडी लोगों से दूरी बनाए रखने में ही समझदारी समझता हूं। हम ही हम हैं पर विश्वास नहीं है पर हम किसी से कम भी नहीं है। साजिश का आहट मैं भाप न पाया मुझे अपनो पर विश्वास था अपनों से खबरदार हों ना पाया। माना कि ना समझ हूं मैं पर धोखेबाजी, मजबूरी का फायदा उठानेवाला किरदार नहीं हूं मैं। लोगों के ऊपर विश्वास करना ही मुझे डुबा देता हैं इससे ज्यादा मै कसूरवार नहीं हूं। मेरी उम्र तो बढ गई पर अक्ल का सूत अभी कच्चा है

स्वयमं के कठिनाई का स्वयमं ही संघारक बन्ना होगा।

दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति ही जूनून पागलपन को जन्म देगा इससे ही जीवन का नैया पार लगेगा। इस कलयुग में ना कोई हनुमान ना कोई कृष्ण मिलेगा जो तेरा सही मार्गदर्शन कर तेरा खैवेया बनेगा। स्वयमं को राम स्वयमं ही हनुमान सवयम को अर्जुन स्वयमं ही कृष्ण बन्ना पड़ेगा। स्वयमं के कठिनाई का स्वयमं ही संघारक बन्ना होगा। गुलाब और कमल हम में विश्वास जगाता है कांटे और किचड़ में ही फूल खिलते हैं। कठिनाइयों को झेलकर ही मानव निखरते हैं। कोमल बनोगे तो मिट जाओगे मोमबत्ती🕯️ हमें यही सिखाती।         #❤️सीताराम महतो✍️,

Be confused with the goal

Image
The goal is something else but going something else. Wanna do something else And doing something else. I am not filling the goal and goal is going somewhere else. Probably the one who loves the goal The goal is going that same way. Now what's complaint from the goal The one who loves he is going same way. Bump into it then We wouldn't be able to live anywhere.        ,,❤️Sitaram Mahato✍️

अल्फाज़ वहीं पर मायने बदल जाते हैं

Image
                        आज सुबह थी बड़ी सुहानी                          याद आया हमें अपनी नानी                              नानी से याद आया हमें                            बीते लम्हों कि वह कहानी       जो शरारत से परिपूर्ण       डॉट का भरपूर गुंजाइश होती         पर होते थे सभी के दुलारे    जग से निराले                सही ग़लत का पहचान अभी नहीं है                यह सुनकर ही बच जाते थे।                उच्च-नीच,बड़ा- छोटा, जाती- धर्म का           ज्ञान ना था                  ना ही खुदगर्जी का एहसास                      होते थे अपनी धून में              ना होता था  किसी का परवाह।                     बीते लम्हों को दोहराया                      जिन्दगी बड़ी कठिन डगर हैं                   अब समझ में आया।                         लोग वही पर हालात बदल जाते हैं                            अल्फाज़ वहीं पर मायने बदल जाते हैं।                          जिन्दगी भी अजीब होते हैं                         कहते हैं                                उम्र के

खुश रहो

Image
                                             खुश रहो खिलखिलाते रहो                           अपनी धून में गाते रहो                   बस अपना कर्तव्य निभाते रहना।       आज दुःख है तो फिर कल सुख भी आएगा धूप के बाद छाव भी आएगा मन हो विश्वास  तो दुःख की घड़ियां में ढल जाएगा। बस अपना कर्तव्य निभाते रहना तुम खुश रहो, खिलखिलाते रहो अपनी धून में गाते रहो। जबतक जिंदगी हैं, ना जाने कितने अनकही- अनसुनी अफसाने बनाएगा पर तुम इससे विचलित ना होना अपने पथ पर अडिग रहना बस अपना कर्तव्य निभाते रहना तुम खुश रहो, खिलखिलाते रहो अपनी धून में गाते रहो। अपनी दिल की बात सुनो जो तुम्हें सकून दे वही कार्य करो लोग क्या कहेंगे इसबात से ना घबराओ अपने तनमन-धन से समर्पित रहना बस अपना कर्त्तव्य निभाते रहना। तुम खुश रहो खिलखिलाते रहो अपनी धून में गाते रहो। # ♥️सीताराम माहतो✍️

सुविचार

Image
हमारे राहो में कितने ही मुश्किल क्यों ना हो मंज़िल को पाने के लिए कदम आगे बढ़ाने से पीछे नहीं हटाना चाहिए।

दो कदम

Image
जिन्दगी तुझसे कह रहा है, छोड़ो दो अब बहाना ना बनो किसी का निशाना। अपने को खबर कर हो जाओ  बेखबर, खुद पर विश्वास रख बस दो कदम आगे तू बढ़ ।। मंज़िल को जब पाना है, छोड़ देना है बहाना गिरने के डर से कब तक चलना ना सीखोगे अपने हालात का कब तक रोना रोओगे ये वक्त नहीं है रोने का ना ही जस्बातो मे बहने का पाने जब इच्छा हो मन में फिर खोने से क्या डरना बस दो कदम आगे तू बढ़ ।। अपनी किस्मत जब खुद ही लिखना हो फिर भाग्य भरोसे क्यों हैं बैठना। ये सोचकर मत घबराना, तेरा रहबर कोई नहीं है तेरे बढ़ते कदम देख ना जाने कितने ही रहबर बन जाएगा बस दो कदम आगे तू बढ़ ।। एकलव्य को स्मरण में रखो , उसका रहबर कोई ना था एक द्रोणाचार्य का मूर्ति के अनुसरण कर अपने मंजिल तक पहुंच गया वो फिर इस डिजिटल युग में अकारण ही है यह चिंता अपने लक्ष्य पर तू केन्द्रित कर, रास्ता स्पष्ट दिख जाएगा, बस दो कदम आगे तू बढ़ ।। जैसे- जैसें आगे बढ़ पाओगे अपनी मंजिल को करीब पाओगे एक समय आएगा तू अपने मंजिल को पाएगा ना बनेगा किसी का निसाना ना ही कहलायेगा बेचारा इन शब्दों से छुटकारा पाकर सचमुच बहुत सकून पाएगा बस द

समाजिक खेल मे आशिक बेमेल।

जाति धर्म के चक्कर में आशिक पीस जाते हैं इस चक्कर में। जाति -धर्म का भेद ना होता आशिकों का दिल इतना मजबूर ना होता। मुश्किल वक्त में सब हो साथी जीवन साथी हो अपनी जाति। वाह रे! समाज तेरा कैसा खेल जहां होने नहीं देता दो आशिकों का मेल।        -Sitaram Mahato

कही देर ना हो जाए।

Image
कही देर ना हो जाए   यू तो प्यार का इजहार हमने अपने दिलरुबा से कर दी। उसने भी इनकार जमाने की डर से कर दी। जमाने का ना डर  होता वह भी इकरार करती। इस इकरार-इनकार के चक्कर में मैं बूरी तरह से उलझ गया। मैं उसे याद  नहीं भी करना चाहता फिर भी वह याद आ जाती उसका याद हमें बहुत तरपाती। शायद उम्मीद की किरण बाकी था इसलिए उसका याद हमें बहुत तरपाती। उसको भी एक दिन एहसास होगा मेरा प्यार उसे एक दिन जगाएगा पर उस दिन हम मिल ना पाएंगे  तबतक हम किसी और का हो जाएंगे।                                By Sitaram Mahato

दूनिया दिल पर हावी हैं।

दूनिया दिल पर हावी है जबतक लोग क्या कहेंगे नामक बिमारी हैं। दूसरों के हाथ में चाबी है खुद में ही ढूंढें खराबी है। मिलावट ख्वाहिश की करके कहते हैं इश्क एक खराबी है। झुठे गुरुर के नशे में झुमकर कहते हैं पुरी दुनिया ही शराबी है। रिश्ते का डोर बहुत नाज़ुक हो गया लम्बे वक़्त तक अब ये टिकते कहा। खुद को ख़ुदा बनकर कहते हैं दूसरों के सोच में खराबी  हैं। बेकार का ये बयान बाजी हैं ये बात मेरे दिल को नहीं है गवारा है ना ही मेरा दिल बेचारा है हमें अपना आस्तिव बहुत प्यारा है। रहो समर्पित यार परिवार में नही समझो तो बर्बादी है। सोच की यही कहानी है दुनिया दिल पर हावी है। -- srmahato.blogspot.com

खास एहसास

Image
कुछ बात, कुछ एहसास, होते हैं बहुत खास जो वक्त वे वक्त दिलाते हैं वीते लम्हों की याद। याद दिलाकर चले जाते हैं छोड़ जाते हैं एहसास। एहसास हैं जो मरता नहीं याद है जो जाता नहीं एहसास यादें बनाए रखता है याद एहसास को जगाये रखता है।

आगे कैसे बढ़ पाओगे?

Image
परिस्थिति विकराल हो मार्ग में पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो नाही कोई आशा हो  प्रेरणादायक भयभित ना होना मार्ग देखकर मार्ग देखकर ही डर जाओगे फिर आगे कैसे बढ़ पाओगे? मन मे है विश्वास जगाना बाधाओं से है ही पार निकलना माझी को संज्ञान में रखना माझी ऐसे ही डर जाते माउंटेन मैंन नही कहलाते। जस्बात को अपना काबू में रखना मार्ग से है तुमको ना घबराना मार्ग से ही घबरा जाओगे फिर आगे कैसे बढ़ पाओगे।                ❤️ सीताराम माहतो✍️