दूनिया दिल पर हावी हैं।

दूनिया दिल पर हावी है
जबतक लोग क्या कहेंगे नामक बिमारी हैं।
दूसरों के हाथ में चाबी है
खुद में ही ढूंढें खराबी है।
मिलावट ख्वाहिश की करके
कहते हैं इश्क एक खराबी है।
झुठे गुरुर के नशे में झुमकर
कहते हैं पुरी दुनिया ही शराबी है।
रिश्ते का डोर बहुत नाज़ुक हो गया
लम्बे वक़्त तक अब ये टिकते कहा।
खुद को ख़ुदा बनकर
कहते हैं दूसरों के सोच में खराबी  हैं।
बेकार का ये बयान बाजी हैं
ये बात मेरे दिल को नहीं है गवारा है
ना ही मेरा दिल बेचारा है
हमें अपना आस्तिव बहुत प्यारा है।
रहो समर्पित यार परिवार में
नही समझो तो बर्बादी है।
सोच की यही कहानी है
दुनिया दिल पर हावी है।

-- srmahato.blogspot.com


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