आंखो का भ्रम था

तेरे इश्क का रंग,
इस कदर,
मुझ पर हावी था।
तेरी बूरी आदतों का
परवाह नहीं किया
मेरे दोस्त कहते थे
इतना अंधा प्यार ठीक नहीं है
पर मैं ,यह सोचकर ,बेफिक्र हो जाता
कि तू मुझसे ,बेवफ़ाई नही कर सकती
पर जब मेंने तुम्हें ,
खुद किसी के बाहों में पाया,
मेरा आंखों का भ्रम था,
जो टूट गया।
मेरे बेपनाह प्यार का ,ये कैसा शिला दिया
जो मेरा खुद पर से ही यकिन टूट गया
तेरी बेवफ़ाई ने मुझे खुद से ही जूदा कर दिया
प्यार पर से भरोसा  ही उठ गया।



Heart Broken love poem

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