खुद ही कश्ती खुद पतवार

खुद की कश्ती खुद ही पतवार
नही रहो किशमत के भरोसे मेरे यार।

खुद पर भरोसा रख, कर हो जाओ पार
खुद पर भरोसा ही सफलता का सार ।







साहस कर बढ़ चलो ,छोड़ो  नैया बीच मझधार
जबतक किनारे ना लगे नैया , कोशिश करते रहो लगातार।

जीवन के हर वार के लिए रहो तैयार
जीवन एक कठिन चूनोती है ,तू कर इसे स्वीकार।

हौसला बुलंद रख,कर इसका संघार
मन में विश्वास हो तो करलेगा बाधाओं को पार।

मार्ग में सोले बीछे या हो कांटे की भरमार
चाहे जीना हो दूश्वार।
दर्दे से तू ना घबरा दर्द को बना तू हथियार।

खुद में विश्वास जगा , मुश्किलों से  हो पाएगा तू पार
आज नहीं तो कल होगा तेरा सपना सकार
बस इस आस को टूटने नहीं देना मेरे यार।

------------------By-SR srmahato.blogspot.com------------------------------

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