अपना किरदार गढ़ों

अपना किरदार गढ़ों तुम
अपने आप का आत्मचिंतन कर,
अपनी पहचान ढूंढ़ो तुम।
ये वक्त है कर गुजरने का जो एक बार वित जाएगा,
फिर लौटकर कभी ना आएगा 
वक्त रहते ही खुद की पहचान करो तुम।

उधार के पहचान से कब तक रहोगे तुम
इस बात का संज्ञान में रखो तुम
अपनी काबिलियत का विस्तार करो तुम
जो तुम्हें अच्छा लगे वहीं कार्य करो तुम।

यूंही समय व्यतीत कर अपनी जिंदगी अंधकार मे मत ढकेलो
बीते हुए बात को भूल जाओ तुम।
जो करना चाहते हो जिन्दगी मे उसका सीग्रह शुरुआत करो मंजिल जो तुमको दे चूनौती ततक्षण उस और बढ़ो
अपनी कोशिश को रफ्तार तो दो तुम।

मार्ग में आए बाधाओं को हटाने के लिए तैयार खड़े है हम
तुम अपनी कदम आगे बढ़ा कर तो देखो तुम।
परिश्रम के आगे हालात को भी झुकना पड़ता हैं
अपनी सोच में बदलाव लाकर तो तुम देखो।
उम्मीद है कर पाओगे तुम
लोगों के सोच से भी आगे बढ़ पाओगे तुम
जीत जाओगे अपनी ही जिंदगी में
हालात से आगे बढ़ो तुम।
करलो मुक्कमल सब कुछ
ऐसी जिंदगी में काम करो तुम
अपनी पहचान खुद ही बन जाएगी
अपना किरदार गढ़ों तुम।



















उम्मीद है कर पाओगे तुम
निराश नहीं करोगे हमें
मेरे सोच से भी आगे बढ़ पाओगे तुम
बस उस दिन का इंतजार है हमें।




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